अमेरिका और चीन के बीच लंबे समय से चल रहे व्यापार विवाद में अब सुधार के संकेत दिख रहे हैं। दोनों देशों के अधिकारियों ने रविवार (26 अक्टूबर 2025) को कहा कि एक प्रारंभिक सहमति बन चुकी है और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तथा चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग आगामी बैठक में इसे अंतिम रूप दे सकते हैं।
बीजिंग ने हाल ही में उन्नत तकनीकों में इस्तेमाल होने वाले दुर्लभ खनिजों के निर्यात को सीमित कर दिया था, जिसके जवाब में ट्रंप ने चीनी उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की धमकी दी थी। इस विवाद के बढ़ने से वैश्विक आर्थिक विकास पर असर पड़ने का खतरा था।
चीन के शीर्ष व्यापार वार्ताकार ली चेंगगैंग ने बताया कि दोनों पक्ष “प्रारंभिक सहमति” पर पहुंचे हैं, जबकि ट्रंप के कोष सचिव स्कॉट बेसेंट ने कहा कि “एक बहुत सफल ढांचा” तैयार हुआ है। ट्रंप ने भी विश्वास जताया कि “चीन समझौता करना चाहता है और हम भी चाहते हैं।”
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बेसेंट ने कहा कि अब चीन पर नए टैरिफ लगाने की संभावना “लगभग खत्म” हो गई है। उन्होंने यह भी बताया कि चीन अमेरिका को फेंटानिल के रासायनिक पदार्थ भेजना बंद करेगा और सोयाबीन सहित कृषि उत्पादों की बड़ी खरीद करेगा।
यह प्रगति कुआलालंपुर में आयोजित आसियान सम्मेलन के दौरान हुई, जहां ट्रंप ने खुद को अंतरराष्ट्रीय सौदेबाज के रूप में प्रस्तुत किया।
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