अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) पर एक बार फिर से प्रतिबंध का खतरा मंडरा रहा है। फीफा (FIFA) और एशियाई फुटबॉल परिसंघ (AFC) ने एआईएफएफ को 30 अक्टूबर तक नया संविधान अनुमोदित करने की समयसीमा दी है। यदि तय समय में यह प्रक्रिया पूरी नहीं हुई, तो भारत के फुटबॉल को अंतरराष्ट्रीय स्तर से बाहर किया जा सकता है।
सूत्रों के अनुसार, फीफा और एएफसी ने स्पष्ट किया है कि एआईएफएफ का नया संविधान वैश्विक मानकों के अनुरूप होना चाहिए और इसमें किसी भी तरह का राजनीतिक हस्तक्षेप स्वीकार्य नहीं होगा। यदि यह शर्तें पूरी नहीं होतीं, तो भारत की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम और क्लबों को सभी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में भाग लेने से प्रतिबंधित किया जा सकता है।
इस संभावित प्रतिबंध से भारत के 2036 ओलंपिक खेलों की मेज़बानी की महत्वाकांक्षी योजना पर भी गंभीर असर पड़ सकता है। फीफा पहले भी भारत पर प्रशासनिक हस्तक्षेप के कारण प्रतिबंध लगा चुका है, हालांकि वह कुछ समय में हट गया था।
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फीफा और एएफसी ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि निर्धारित समयसीमा में संविधान अनुमोदन नहीं हुआ, तो वे सीधे हस्तक्षेप करेंगे और प्रशासनिक नियंत्रण संभाल सकते हैं।
फुटबॉल विशेषज्ञों का मानना है कि समय पर समाधान नहीं होने से भारतीय फुटबॉल खिलाड़ियों के करियर पर भी खतरा मंडरा सकता है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भागीदारी न होने से उनकी प्रगति रुक सकती है।
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