इज़राइल के मध्य-जून में हुए अचानक हमले के बाद से ईरान में ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) सेवाओं में अभूतपूर्व बाधा उत्पन्न हो गई है, जिससे आम नागरिकों और व्यवसायों को गंभीर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, ईरान के कई प्रमुख शहरों और औद्योगिक क्षेत्रों में जीपीएस सिग्नल या तो पूरी तरह गायब हो गए हैं या बेहद अस्थिर हो गए हैं। परिवहन सेवाएँ, माल ढुलाई, नेविगेशन ऐप्स और विमानन संचालन इस व्यवधान से प्रभावित हुए हैं।
तकनीकी विशेषज्ञों का कहना है कि यह बाधा जानबूझकर किए गए "सिग्नल जैमिंग" या इलेक्ट्रॉनिक युद्धक गतिविधियों का परिणाम हो सकती है। हालाँकि, ईरानी अधिकारियों ने इस मुद्दे पर आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। उनका कहना है कि विशेषज्ञ स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं और सामान्य सेवाएँ बहाल करने के प्रयास जारी हैं।
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जीपीएस व्यवधान से आम नागरिकों को भी परेशानी हो रही है। ड्राइवर और यात्री दिशा-निर्देश पाने के लिए मोबाइल ऐप्स का उपयोग नहीं कर पा रहे, जबकि कई डिलीवरी कंपनियों के ऑर्डर समय पर नहीं पहुँच पा रहे। विमानन क्षेत्र में भी पायलटों और हवाई यातायात नियंत्रकों को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी पड़ रही है।
विश्लेषकों का मानना है कि यह व्यवधान क्षेत्रीय तनाव और साइबर-इलेक्ट्रॉनिक हमलों के बढ़ते खतरे की ओर संकेत करता है। यदि स्थिति लंबी चली तो यह व्यापार, सुरक्षा और आपातकालीन सेवाओं पर गंभीर असर डाल सकती है।
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