माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के प्रेसिडेंट संजय चंदोक ने युवाओं और पेशेवरों को सलाह दी है कि वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल्स के साथ लगातार प्रयोग करें और उनमें दक्षता हासिल करें। उनका मानना है कि एआई तकनीक को समझने और सही तरीके से उपयोग करने से व्यक्ति की क्षमताओं में कमी नहीं आती, बल्कि यह उन्हें और मजबूत बनाती है।
हाल ही में एमआईटी मीडिया लैब की एक स्टडी में चेतावनी दी गई थी कि एआई के अत्यधिक इस्तेमाल से मानव मस्तिष्क पर संज्ञानात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं और न्यूरल कॉस्ट बढ़ सकती है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए चंदोक ने कहा कि वे इस बात से सहमत नहीं हैं कि एआई इंसानों की सोचने-समझने की शक्ति को कमजोर करता है।
चंदोक के अनुसार, “एआई इंसानों की जगह नहीं लेता, बल्कि उनके काम को आसान और तेज बनाता है। यह एक ऐसा टूल है जो सीखने और उत्पादकता बढ़ाने में मदद करता है।” उन्होंने छात्रों, स्टार्टअप्स और प्रोफेशनल्स से आग्रह किया कि वे एआई को लेकर डरने के बजाय इसे समझें, अपनाएं और इसका व्यावहारिक उपयोग करना सीखें।
और पढ़ें: भविष्य के एआई उत्पादों के लिए मेटा और मिडजर्नी में साझेदारी
उन्होंने कहा कि भविष्य के कार्यक्षेत्र में एआई का ज्ञान और उसके टूल्स के इस्तेमाल की दक्षता एक आवश्यक कौशल होगी। चंदोक का कहना है कि एआई को अपनाने से न केवल प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिलेगी, बल्कि यह नवाचार और समस्या-समाधान की क्षमता भी बढ़ाएगा।
सरकार और उद्योग दोनों ही एआई को जिम्मेदारी के साथ आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। चंदोक ने जोर दिया कि सही दृष्टिकोण और संतुलित उपयोग के साथ एआई मानव विकास का एक बड़ा सहायक साबित होगा।
और पढ़ें: गूगल पिक्सेल 10: एआई में नई छलांग, एप्पल सिरी पर साधा निशाना