भारतीय शेयर बाजारों में सोमवार को लगातार गिरावट दर्ज की गई, जिसका कारण कमजोर वैश्विक संकेत और विदेशी निवेशकों द्वारा पूंजी निकासी बताया जा रहा है। निवेशकों की सतर्कता और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अस्थिरता के कारण सेंसेक्स और निफ्टी दोनों सूचकांक नकारात्मक क्षेत्र में बंद हुए।
बीएसई सेंसेक्स 200 से अधिक अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी ने भी लगभग 60 अंकों की कमजोरी दिखाई। वैश्विक बाजारों में जारी अनिश्चितता, अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में वृद्धि और मध्य पूर्व के भू-राजनीतिक तनावों के चलते निवेशकों की भावना पर नकारात्मक असर पड़ा।
बजाज फाइनेंस, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, टाटा स्टील, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), एनटीपीसी, ट्रेंट, एशियन पेंट्स और एक्सिस बैंक जैसे प्रमुख शेयर सेंसेक्स में सबसे ज्यादा गिरने वाले रहे। इन कंपनियों में 1% से 3% तक की गिरावट दर्ज की गई।
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विश्लेषकों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) लगातार भारतीय बाजारों से धन निकाल रहे हैं, जिससे घरेलू बाजारों पर दबाव बना हुआ है। वहीं, घरेलू निवेशक भी सतर्क रुख अपनाए हुए हैं क्योंकि आगामी कॉरपोरेट नतीजे और वैश्विक आर्थिक डेटा बाजार के रुझान को प्रभावित कर सकते हैं।
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि रुपये में कमजोरी, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका आने वाले दिनों में बाजार की दिशा तय करेंगे।
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