सिडनी के बॉन्डी बीच पर हुए भीषण सामूहिक गोलीकांड के बाद ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़ ने देशभर में और सख्त राष्ट्रीय गन कानून लाने का प्रस्ताव रखा है। इस हमले में कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई, जिससे पूरे देश में शोक और आक्रोश का माहौल है।
सोमवार (15 दिसंबर 2025) को The Indian Witness से बातचीत में प्रधानमंत्री अल्बानीज़ ने कहा कि सरकार इस त्रासदी के बाद किसी भी जरूरी कदम से पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रस्तावित सुधारों में लाइसेंसधारी व्यक्तियों द्वारा रखे जा सकने वाले हथियारों की संख्या को सीमित करना भी शामिल होगा।
अल्बानीज़ ने कहा, “सरकार आवश्यक हर कार्रवाई करने के लिए तैयार है। इसमें सख्त गन कानूनों की जरूरत भी शामिल है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि लोगों की परिस्थितियां समय के साथ बदल सकती हैं और कुछ लोग धीरे-धीरे कट्टरपंथ की ओर बढ़ सकते हैं। ऐसे में हथियार लाइसेंस को हमेशा के लिए वैध नहीं माना जा सकता।
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प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि हथियारों तक पहुंच पर नियमित समीक्षा और कड़े मानदंड आवश्यक हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। उन्होंने माना कि ऑस्ट्रेलिया में पहले से ही दुनिया के सबसे सख्त गन कानूनों में से कुछ लागू हैं, लेकिन बॉन्डी बीच जैसी घटनाएं यह संकेत देती हैं कि व्यवस्था को और मजबूत करने की जरूरत है।
इस प्रस्ताव के बाद राजनीतिक और सामाजिक हलकों में व्यापक बहस शुरू हो गई है। कई मानवाधिकार और नागरिक संगठनों ने प्रधानमंत्री के रुख का समर्थन करते हुए कहा है कि जन सुरक्षा सर्वोपरि है। वहीं कुछ समूहों ने चिंता जताई है कि नए नियमों का असर वैध हथियार मालिकों पर पड़ेगा।
फिलहाल, सरकार द्वारा प्रस्तावित बदलावों का विस्तृत मसौदा जल्द ही संसद के सामने रखा जा सकता है। बॉन्डी बीच गोलीकांड ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आधुनिक समाज में हथियारों की उपलब्धता और सार्वजनिक सुरक्षा के बीच संतुलन कैसे बनाया जाए।
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