केंद्र सरकार का जुलाई 2025 का जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) राजस्व 7.5% की वृद्धि के साथ ₹1.96 लाख करोड़ पर पहुंच गया है। यह पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में अधिक है, जो अर्थव्यवस्था में निरंतर सुधार और कर अनुपालन में वृद्धि को दर्शाता है।
सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, कुल राजस्व में से घरेलू जीएसटी संग्रह ₹1.43 लाख करोड़ रहा। शेष राजस्व आयातित वस्तुओं पर वसूले गए कर से आया है। वित्त मंत्रालय का कहना है कि यह वृद्धि मुख्य रूप से उत्पादन और खपत में बढ़ोतरी, बेहतर ई-वे बिल ट्रैकिंग और कर चोरी पर सख्त निगरानी के कारण संभव हुई।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह राजस्व वृद्धि केंद्र और राज्य सरकारों की वित्तीय स्थिति को मजबूत करेगी और आगामी महीनों में विकास योजनाओं के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध होंगे।
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वित्त मंत्रालय ने यह भी बताया कि केंद्रीय और राज्य सरकारों के हिस्से का सेटलमेंट समय पर कर दिया गया है, जिससे राज्यों को अपने विकास कार्यों में वित्तीय सहयोग मिलेगा।
जुलाई का यह आंकड़ा लगातार दूसरे महीने है जब जीएसटी राजस्व ₹1.90 लाख करोड़ से ऊपर रहा है। इससे संकेत मिलता है कि देश की आर्थिक गतिविधियां महामारी के बाद स्थिर और मजबूत हो रही हैं।
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