डो क्वोन, दक्षिण कोरिया के नागरिक और टेराफॉर्म लैब्स (Terraform Labs) के सह-संस्थापक, को अमेरिका की एक अदालत ने 40 अरब डॉलर के क्रिप्टो घोटाले से जुड़े मामले में दोषी करार देते हुए 15 साल की जेल की सजा सुनाई है। यह सजा दो प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी—टेरा USD स्टेबलकॉइन और लूना टोकन—के पतन से जुड़े धोखाधड़ी मामलों में दी गई है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, 34 वर्षीय डो क्वोन ने वायर फ्रॉड और साजिश कर निवेशकों को धोखा देने के दो आरोपों में दोष स्वीकार किया। 2022 में टेराUSD और लूना का अचानक पतन हुआ था, जिससे वैश्विक क्रिप्टो बाजार में भारी हलचल मच गई। अनुमान है कि इन दोनों टोकनों के गिरने से करीब 40 अरब डॉलर का नुकसान हुआ और इसके बाद पूरी दुनिया में क्रिप्टो बाजार में गिरावट देखने को मिली।
डो क्वोन को पिछले साल मोंटेनेग्रो से अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया था। उन्हें मोंटेनेग्रो में नकली पासपोर्ट के इस्तेमाल के आरोप में हिरासत में लिया गया था। प्रत्यर्पण के बाद से वह अमेरिकी अधिकारियों की हिरासत में थे और अब अदालत द्वारा सुनाई गई सजा के बाद उन्हें लंबी जेल अवधि का सामना करना पड़ेगा।
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टेराफॉर्म लैब्स ने अपने टेराUSD स्टेबलकॉइन को एक भरोसेमंद डिजिटल मुद्रा के रूप में पेश किया था, जिसे अमेरिकी डॉलर से जुड़े स्थिर मूल्य की तरह प्रचारित किया गया था। लेकिन इसकी असफलता ने निवेशकों को भारी नुकसान पहुंचाया और दुनिया भर में नियामक एजेंसियों का ध्यान क्रिप्टो बाजार की कमियों की ओर आकर्षित किया।
विशेषज्ञों का कहना है कि डो क्वोन का मामला वैश्विक क्रिप्टो उद्योग के लिए एक चेतावनी है, क्योंकि यह संकेत देता है कि धोखाधड़ी और भ्रामक दावों पर अब कड़े कदम उठाए जा रहे हैं।
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