बांग्लादेश में गुरुवार तड़के हल्का भूकंप आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.1 दर्ज की गई। स्थानीय समयानुसार सुबह 6.14 बजे आए इस भूकंप के झटके राजधानी ढाका और आसपास के जिलों में महसूस किए गए। यूरोपीय-भूमध्यसागरीय भूकंपीय केंद्र (EMSC) के अनुसार, भूकंप का केंद्र नारसिंदी जिले में 30 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था।
शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, किसी भी तरह के नुकसान या जनहानि की सूचना नहीं मिली है। गहराई कम होने के बावजूद भूकंप के झटके हल्के थे, जिसके कारण लोग घबराए तो नहीं, लेकिन कई क्षेत्रों में कंपन महसूस किए गए।
विशेषज्ञों के अनुसार, बांग्लादेश भूकंपीय दृष्टि से अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्र है, क्योंकि यह भारतीय, म्यांमार और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के जंक्शन पर स्थित है। यही कारण है कि यहां विनाशकारी भूकंपों की संभावना अधिक रहती है।
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ढाका दुनिया के उन 20 शहरों में शामिल है, जो भूकंप के लिहाज़ से सबसे अधिक संवेदनशील माने जाते हैं। इसकी मुख्य वजह है अत्यधिक जनसंख्या घनत्व और जर्जर इमारतें, जिनमें से कई पुराने ढाका में स्थित हैं। विशेषज्ञों ने पहले भी चेतावनी दी है कि यदि बड़े तीव्रता का भूकंप आता है, तो नुकसान का स्तर भयावह हो सकता है।
क्षेत्र के भूकंपीय इतिहास की बात करें, तो 1869 से 1930 के बीच यहां पांच बड़े भूकंप आए थे, जिनकी तीव्रता 7 से अधिक दर्ज की गई थी। इन घटनाओं ने बांग्लादेश और इसके आसपास के क्षेत्रों की भूगर्भीय संवेदनशीलता को उजागर किया था।
हालांकि गुरुवार को आए इस भूकंप से कोई नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन विशेषज्ञ लगातार सतर्कता बरतने और भवनों को भूकंप-प्रतिरोधी बनाने की सलाह देते हैं।
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