यूरोपीय देशों के शीर्ष नेताओं ने आगामी ट्रंप-पुतिन शिखर सम्मेलन से पहले रूस पर अधिक कूटनीतिक और आर्थिक दबाव डालने की अपील की है। उनका मानना है कि यह कदम यूक्रेन में जारी युद्ध को समाप्त करने के प्रयासों को मजबूती देगा।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, जर्मनी के नेता फ्रेडरिक मर्ज, पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने एक संयुक्त बयान जारी किया। बयान में कहा गया, “हम राष्ट्रपति ट्रंप के यूक्रेन में हिंसा समाप्त करने के प्रयासों का स्वागत करते हैं और उम्मीद करते हैं कि यह शिखर सम्मेलन शांति बहाली की दिशा में ठोस परिणाम देगा।”
नेताओं ने स्पष्ट किया कि रूस पर दबाव बढ़ाना केवल सैन्य स्तर पर नहीं, बल्कि आर्थिक प्रतिबंधों, कूटनीतिक अलगाव और मानवीय सहायता कार्यक्रमों के विस्तार के माध्यम से भी जरूरी है। उन्होंने जोर दिया कि यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करना अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्राथमिक जिम्मेदारी है।
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अलास्का में होने वाला यह ट्रंप-पुतिन शिखर सम्मेलन विश्व की निगाहों में है, क्योंकि इससे अमेरिका और रूस के संबंधों में नई दिशा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। विश्लेषकों का कहना है कि अगर दोनों नेता यूक्रेन युद्ध पर किसी समझौते पर पहुंचते हैं, तो यह यूरोप और विश्व शांति के लिए महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।
यूरोपीय नेताओं का यह भी मानना है कि केवल बातचीत से आगे बढ़कर ठोस कार्ययोजना लागू करना आवश्यक है, ताकि युद्ध से प्रभावित क्षेत्रों में स्थायी समाधान और पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो सके।
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