गिनी-बिसाऊ में सैन्य अधिकारियों ने बुधवार (26 नवंबर 2025) को यह घोषणा कर दी कि वे देश का “पूर्ण नियंत्रण” अपने हाथ में ले रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने चुनावी प्रक्रिया को निलंबित कर दिया और देश की सीमाएं बंद कर दीं। यह कदम पश्चिम अफ्रीका के इस गरीब देश में तीन दिन पहले हुए राष्ट्रपति और संसदीय चुनावों के बाद उठाया गया, जिनके नतीजों को लेकर भारी विवाद और तनाव बना हुआ था।
राजधानी बिसाऊ में सेना मुख्यालय से सैन्य अधिकारियों ने बयान पढ़कर यह घोषणा की, जिसे एएफपी पत्रकारों ने मौके पर देखा। इससे पहले सैनिकों ने राष्ट्रपति भवन की ओर जाने वाली मुख्य सड़क पर कब्जा कर लिया था, जब आसपास लगातार गोलियों की आवाजें गूँजने लगीं। गोलीबारी रुकने के बाद इलाके में सन्नाटा फैल गया और सुरक्षा बलों ने पूरे क्षेत्र को खाली करा लिया।
गोलियों की आवाज सुनते ही सैकड़ों लोग घरों और वाहनों में बैठकर सुरक्षित स्थानों की ओर भागने लगे। अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि मौजूदा राष्ट्रपति उमरो सिसोको एम्बालो कहाँ हैं। उन्हें दोबारा जीत के लिए पसंदीदा माना जा रहा था। दूसरी ओर, एम्बालो और विपक्षी उम्मीदवार फर्नांडो डियास — दोनों ने ही अपनी जीत का दावा कर दिया है, बिना किसी ठोस सबूत के।
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आधिकारिक अस्थायी नतीजे गुरुवार (27 नवंबर) को जारी होने की उम्मीद है। गिनी-बिसाऊ में इससे पहले भी अस्थिरता रही है — स्वतंत्रता के बाद से यहाँ चार सैन्य तख्तापलट हो चुके हैं और कई असफल प्रयास भी हुए हैं।
देश दुनिया के सबसे गरीब राष्ट्रों में से एक है और लैटिन अमेरिका से यूरोप तक पहुँचने वाली मादक पदार्थों की तस्करी का प्रमुख केंद्र भी माना जाता है। राजनीतिक अस्थिरता ने इस अवैध व्यापार को और बढ़ावा दिया है।
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