कैटेगरी-5 के भयंकर तूफान ‘मेलिसा’ ने जमैका में भारी तबाही मचाई है। चार दिन बीत जाने के बाद भी कई क्षेत्र अब भी बाहरी संपर्क से कटे हुए हैं। सेंट एलिज़ाबेथ और वेस्टमोरलैंड जैसे सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में शनिवार (1 नवंबर 2025) को राहत सामग्री पहुंचनी शुरू हुई, जहां गिरे पेड़ों और बिजली के खंभों ने सड़कों को अवरुद्ध कर रखा था।
राहतकर्मी और बचाव दल पूरे द्वीप में भोजन, पानी और दवाइयां बांटने में जुटे हैं। कई लोग अब भी गंदे नदी के पानी का उपयोग करने को मजबूर हैं, जबकि कुछ नारियल पानी और स्थानीय फलों पर निर्भर हैं। वेस्टमोरलैंड के तटीय इलाकों में घरों के टूटे ढांचे और बिखरा हुआ सामान चारों ओर फैला हुआ है।
सोशल सिक्योरिटी मंत्री पर्नेल चार्ल्स जूनियर ने कहा कि “हमारा प्राथमिक लक्ष्य ज़रूरतमंदों तक मदद पहुंचाना है।” प्रधानमंत्री एंड्रयू होलनेस ने ‘ब्लैक रिवर’ को ग्राउंड जीरो घोषित किया और कहा कि इस शहर को दोबारा बनाया जाएगा। जमैका डिफेंस फोर्स ने लुआना समुदाय केंद्र में राहत केंद्र स्थापित किया है, जहां से आवश्यक वस्तुएं वितरित की जा रही हैं।
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संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम ने बारबाडोस से 2,000 खाद्य पैकेट भेजे हैं, जो लगभग 6,000 लोगों की एक सप्ताह की जरूरत पूरी करेंगे। तूफान के कारण बिजली और संचार व्यवस्था ठप हो गई है, जिससे 60% से अधिक द्वीप अंधेरे में डूबा है। अब तक 28 मौतों की पुष्टि हुई है, जबकि वास्तविक संख्या अधिक होने की आशंका है।
कैरिबियन कैटास्ट्रोफी रिस्क इंश्योरेंस फैसिलिटी ने जमैका को 70.8 मिलियन डॉलर का मुआवज़ा देने की घोषणा की है। सरकार ने कहा कि पुनर्निर्माण और पुनर्वास की प्रक्रिया में समय लगेगा, लेकिन देश “मजबूत और समझदार” होकर उभरेगा।
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