अमेरिका की एक संघीय अदालत ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ यौन उत्पीड़न से जुड़े मानहानि मामले में दिए गए 83 मिलियन डॉलर के क्षतिपूर्ति आदेश को बरकरार रखा है। यह फैसला जनवरी 2024 में दिया गया था, जिसमें जूरी ने पाया कि ट्रंप ने पत्रकार और लेखिका ई. जीन कैरोल के बारे में सार्वजनिक रूप से बार-बार दुर्भावनापूर्ण टिप्पणियाँ कीं।
इस आदेश में 65 मिलियन डॉलर दंडात्मक हर्जाना (punitive damages) के रूप में शामिल हैं, जो ट्रंप के रवैये और सार्वजनिक बयानों की गंभीरता को दर्शाता है। इसके अलावा, 7.3 मिलियन डॉलर मुआवजा (compensatory damages) और 11 मिलियन डॉलर ई. जीन कैरोल की प्रतिष्ठा बहाल करने के लिए ऑनलाइन अभियान चलाने पर खर्च करने हेतु निर्धारित किए गए।
कैरोल ने दावा किया था कि ट्रंप ने न केवल उनका यौन उत्पीड़न किया, बल्कि बाद में सार्वजनिक मंचों पर उनकी बार-बार बदनामी की। अदालत ने माना कि ट्रंप की टिप्पणियाँ केवल व्यक्तिगत आलोचना नहीं थीं, बल्कि उनकी प्रतिष्ठा और निजी जीवन को नुकसान पहुँचाने के उद्देश्य से की गई थीं।
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ट्रंप के वकीलों ने इस फैसले को चुनौती दी थी, लेकिन अदालत ने स्पष्ट कर दिया कि जूरी का निर्णय तथ्यों और सबूतों पर आधारित है और इसमें हस्तक्षेप का कोई आधार नहीं है।
यह फैसला ट्रंप के लिए बड़ी कानूनी और राजनीतिक चुनौती माना जा रहा है। दूसरी ओर, ई. जीन कैरोल और उनके समर्थकों ने इसे न्याय की जीत बताया है।
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