छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले दंतेवाड़ा में 71 माओवादियों ने हथियार डालकर आत्मसमर्पण कर दिया। स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि यह आत्मसमर्पण राज्य सरकार और सुरक्षा बलों की सतत् कोशिशों का नतीजा है, जो क्षेत्र में शांति और विकास की पहल को बढ़ावा देने के लिए की गई।
आत्मसमर्पित माओवादी नेताओं ने बताया कि उन्हें अब माओवादी आंदोलन की "खाली" और पुरानी विचारधारा से निराशा हुई है। उनका कहना था कि माओवादी संगठन का वादा उनके मूल उद्देश्य और क्षेत्रीय विकास की अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं रहा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अब वे अपने जीवन को सामान्य समाज में पुनः स्थापित करना चाहते हैं।
राज्य पुलिस और इंटेलिजेंस विभाग ने आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी नेताओं का स्वागत किया और उन्हें पुनर्वास योजनाओं के तहत सहायता देने का आश्वासन दिया। अधिकारियों ने कहा कि यह कदम क्षेत्र में हिंसा को कम करने और शांति स्थापना में मदद करेगा।
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विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के आत्मसमर्पण माओवादी संगठन की विचारधारा और नेतृत्व में आ रही कमजोरी को दर्शाते हैं। साथ ही, यह स्थानीय जनता के लिए विकास और सुरक्षा की दिशा में सकारात्मक संकेत है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने आत्मसमर्पित माओवादी नेताओं को पुनर्वास, प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर प्रदान करने की योजना बनाई है। इसके साथ ही यह कदम अन्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी शांति स्थापित करने और हिंसा रोकने में मदद कर सकता है।
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