छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में 16 माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सभी निचले स्तर के कैडर थे, जो जनताना सरकार, चेतना नाट्य मंडली और माओवादी पंचायत मिलिशिया जैसी विभिन्न इकाइयों से जुड़े हुए थे।
पुलिस के अनुसार, इन माओवादियों ने जंगल से बाहर आकर हिंसा छोड़ने और शांतिपूर्ण जीवन जीने का संकल्प लिया है। आत्मसमर्पण करने वालों में अधिकांश ग्रामीण पृष्ठभूमि से हैं, जिन्हें माओवादी संगठनों ने प्रचार और डर दिखाकर अपने संगठन में शामिल किया था।
अधिकारियों ने बताया कि सरकार की पुनर्वास नीति और पुलिस की लगातार कोशिशों का यह नतीजा है कि माओवादी संगठन के निचले स्तर के सदस्य अब हथियार छोड़ने के लिए आगे आ रहे हैं। आत्मसमर्पण करने वालों को राज्य सरकार की योजना के तहत पुनर्वास पैकेज, आर्थिक सहायता और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।
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स्थानीय प्रशासन का मानना है कि ऐसे कदमों से न केवल हिंसा और उग्रवाद को कम करने में मदद मिलेगी, बल्कि प्रभावित क्षेत्रों में विकास और शांति भी स्थापित होगी। पुलिस ने यह भी कहा कि आत्मसमर्पण करने वालों को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए शिक्षा, रोजगार और अन्य सुविधाओं का इंतजाम किया जाएगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लगातार आत्मसमर्पण यह संकेत है कि अब आम लोग माओवादी विचारधारा से मोहभंग का शिकार हो रहे हैं और शांति एवं विकास की राह चुनना चाहते हैं।
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