केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तेल विपणन कंपनियों (OMCs) को घरेलू एलपीजी सिलेंडर पर हुए नुकसान की भरपाई के लिए ₹30,000 करोड़ की राशि मंजूर की। यह निर्णय कंपनियों की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने और उपभोक्ताओं पर मूल्य वृद्धि का बोझ न डालने के उद्देश्य से लिया गया है।
एलपीजी की आपूर्ति लागत और उपभोक्ता मूल्य के बीच बढ़ते अंतर के कारण OMCs को पिछले कुछ वर्षों में भारी घाटा उठाना पड़ा है। सरकार का मानना है कि यह मुआवजा घरेलू रसोई गैस के दामों को स्थिर रखने में मदद करेगा और महंगाई के असर को कम करेगा।
इस संदर्भ में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) का भी उल्लेख किया गया। यह योजना मई 2016 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य देशभर के गरीब परिवारों की वयस्क महिलाओं को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराना है। योजना के तहत लाभार्थियों को एलपीजी कनेक्शन, स्टोव और पहली रीफिल मुफ्त में दी जाती है।
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सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 1 जुलाई 2025 तक देश में लगभग 10.33 करोड़ पीएमयूवाई कनेक्शन सक्रिय हैं। इस योजना ने ग्रामीण और गरीब परिवारों में स्वच्छ ईंधन के उपयोग को बढ़ावा दिया है, जिससे स्वास्थ्य और पर्यावरण पर सकारात्मक असर पड़ा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह वित्तीय सहायता OMCs की नकदी प्रवाह की स्थिति को सुधारने के साथ-साथ उपभोक्ताओं के लिए रसोई गैस की कीमतों को किफायती बनाए रखने में मदद करेगी। सरकार का उद्देश्य है कि एलपीजी सभी वर्गों के लिए सुलभ और सस्ती बनी रहे।
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