केंद्र की कैबिनेट ने पीजी (पोस्ट ग्रेजुएट) और यूजी (अंडर ग्रेजुएट) मेडिकल शिक्षा की क्षमता को बढ़ाने को मंजूरी दे दी है। इस निर्णय के तहत मौजूदा सरकारी मेडिकल कॉलेजों की उन्नयन योजना को भी बढ़ाया जाएगा, जिससे MBBS सीटों की संख्या में 5,023 सीटों की वृद्धि होगी।
सरकार ने यह भी तय किया कि प्रत्येक सीट के लिए लागत सीमा 1.50 करोड़ रुपये होगी, जो पहले की तुलना में बढ़ाई गई है। यह पहल देश में स्वास्थ्य शिक्षा की गुणवत्ता और उपलब्धता दोनों को सुधारने के उद्देश्य से की जा रही है।
कैबिनेट ने बताया कि इस योजना के माध्यम से सरकारी मेडिकल कॉलेजों को आधुनिक सुविधाओं और आवश्यक संसाधनों से लैस किया जाएगा। इसके अंतर्गत प्रयोगशालाओं, पुस्तकालयों, क्लिनिकल वर्कस्पेस और अन्य शैक्षणिक बुनियादी ढांचे का उन्नयन शामिल है।
और पढ़ें: नांदेड में बाढ़ के कारण सैकड़ों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया; गोदावरी और असना नदी खतरे के निशान से ऊपर
विशेषज्ञों का मानना है कि मेडिकल शिक्षा की क्षमता बढ़ाने से देश में डॉक्टरों की संख्या में वृद्धि होगी और स्वास्थ्य क्षेत्र में मानव संसाधन की कमी को कम किया जा सकेगा। इसके साथ ही ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होने की उम्मीद है।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि यह योजना केंद्र और राज्य सरकारों के सहयोग से कार्यान्वित की जाएगी, ताकि सभी मेडिकल कॉलेजों में समान स्तर की सुविधाएं उपलब्ध हों। छात्रों के लिए आधुनिक और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस परियोजना को प्राथमिकता दी गई है।
इस निर्णय के बाद आने वाले वर्षों में मेडिकल शिक्षा क्षेत्र में व्यापक सुधार और डॉक्टरों की संख्या में स्थायी वृद्धि की संभावना है।
और पढ़ें: पाकिस्तान के पीएम शहबाज 25 सितंबर को वाशिंगटन में राष्ट्रपति ट्रंप से करेंगे मुलाकात