भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय ने निर्यातकों को राहत देते हुए अनुपालन (compliance) से जुड़ी कई प्रक्रियाओं में ढील दी है। यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब मंत्रालय देश के निर्यात प्रोत्साहन मिशन (Export Promotion Mission) को लागू करने की तैयारी कर रहा है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) से जुड़े उद्यमों को अब अपने वार्षिक प्रदर्शन रिपोर्ट (Annual Performance Reports) 31 दिसंबर तक जमा करने की अनुमति दी गई है। यह समयसीमा अब आयकर और जीएसटी कानूनों के तहत अन्य ऑडिटेड रिपोर्ट और रिटर्न दाखिल करने की निर्धारित तिथि के अनुरूप कर दी गई है। पहले इन रिपोर्टों को अपेक्षाकृत कम समय में दाखिल करना अनिवार्य था, जिससे कई इकाइयों को परेशानी होती थी।
वाणिज्य मंत्रालय का कहना है कि यह निर्णय व्यापारिक माहौल को और सरल बनाने और निर्यातकों को प्रशासनिक बोझ से राहत देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल SEZ इकाइयों को लाभ मिलेगा, बल्कि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए चल रहे सुधारात्मक प्रयासों को भी मजबूती मिलेगी।
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‘निर्यात प्रोत्साहन मिशन’ का उद्देश्य भारत को वैश्विक व्यापार में एक प्रतिस्पर्धी खिलाड़ी बनाना है। इसके तहत उद्योगों को नीतिगत समर्थन, प्रौद्योगिकी सहायता और बाजार तक बेहतर पहुंच प्रदान की जाएगी। हालांकि, इस मिशन का औपचारिक शुभारंभ अभी लंबित है।
वाणिज्य मंत्रालय का मानना है कि अनुपालन मानकों में यह लचीलापन निर्यातकों के लिए कार्यप्रणाली को सरल बनाएगा और भारत के निर्यात क्षेत्र में पारदर्शिता व कुशलता को बढ़ाएगा।
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