कांग्रेस सांसद के.सी. वेणुगोपाल ने छत्तीसगढ़ में केरल की दो ननों की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करते हुए केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह गिरफ्तारी मानव तस्करी और ईसाई धर्म में जबरन परिवर्तन के मनगढ़ंत आरोपों पर की गई है।
लोकसभा में उठाए गए इस मुद्दे पर वेणुगोपाल ने कहा, “क्या यह देश बनाना रिपब्लिक है कि बिना किसी ठोस सबूत के धार्मिक कार्य में जुटी ननों को गिरफ्तार कर लिया जाए?” उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप कर ननों की रिहाई सुनिश्चित की जाए।
केरल के यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) के सांसदों ने भी इस गिरफ्तारी का विरोध करते हुए संसद में आवाज उठाई। उनका कहना है कि ननें सामाजिक सेवा और गरीबों की मदद के लिए छत्तीसगढ़ गई थीं, लेकिन उन्हें साजिशन फंसाया गया।
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मानवाधिकार संगठनों ने भी इस कार्रवाई को धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बताया है। विपक्षी दलों का आरोप है कि ऐसे मामले अल्पसंख्यक समुदायों को डराने और धार्मिक संस्थाओं को निशाना बनाने के लिए किए जा रहे हैं।
इस घटना ने केरल और छत्तीसगढ़ दोनों राज्यों में राजनीतिक बहस को तेज कर दिया है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि अगर केंद्र सरकार ने तत्काल कदम नहीं उठाए तो इसे बड़े पैमाने पर विरोध का सामना करना पड़ सकता है।
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