भारत और यूरोपीय संघ (EU) इस वर्ष के अंत तक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को अंतिम रूप देने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं। इसके साथ ही दोनों पक्ष कृषि, निवेश और तकनीकी सहयोग जैसे कई परिवर्तनकारी पहलुओं पर भी काम कर रहे हैं, जिनसे द्विपक्षीय संबंधों में नई ऊर्जा आएगी।
यूरोपीय आयोग के कृषि आयुक्त क्रिस्टोफ़ हैनसन और व्यापार प्रमुख मारोस सेफकोविक इस सप्ताह भारत की यात्रा पर हैं। वे अपने भारतीय समकक्षों के साथ विभिन्न मुद्दों पर वार्ता करेंगे। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य दिसंबर तक एफटीए को अंतिम रूप देना है, ताकि भारत और यूरोप के बीच व्यापार और निवेश को नई दिशा दी जा सके।
एफटीए के जरिए दोनों पक्षों का लक्ष्य आयात-निर्यात पर शुल्क में कमी लाना, व्यापारिक बाधाओं को घटाना और आपसी निवेश को प्रोत्साहित करना है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस समझौते से न केवल आर्थिक संबंध मजबूत होंगे बल्कि रोजगार सृजन, तकनीकी साझेदारी और आपूर्ति श्रृंखला की स्थिरता में भी मदद मिलेगी।
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भारत और यूरोपीय संघ पहले से ही जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा और डिजिटल तकनीक जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा रहे हैं। अब दोनों पक्ष कृषि क्षेत्र में टिकाऊ प्रथाओं, हरित तकनीक और खाद्य सुरक्षा से जुड़े कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने की तैयारी में हैं।
यदि यह समझौता तय समय पर हो जाता है, तो यह भारत-यूरोप संबंधों में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगा। यह न केवल आर्थिक दृष्टि से बल्कि रणनीतिक साझेदारी को भी और गहराई प्रदान करेगा।
दौरे के दौरान उच्च स्तरीय वार्ता से उम्मीद है कि लंबित मुद्दों पर सहमति बनेगी और भारत-यूरोप व्यापारिक संबंधों को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाने का मार्ग प्रशस्त होगा।
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