भारत के सेवा क्षेत्र (Services Sector) में सितंबर 2025 में वृद्धि की गति थोड़ी धीमी हो गई है, क्योंकि मांग में नरमी के कारण उत्पादन और मुद्रास्फीति पर असर पड़ा। यह जानकारी मार्किट के सर्विसेज PMI डेटा से सामने आई है।
हालांकि, सितंबर का सेवा क्षेत्र PMI सूचकांक 50.0 के न्यूट्रल स्तर से ऊपर बना रहा, जो संकेत देता है कि उत्पादन में अभी भी सकारात्मक वृद्धि जारी है। हालांकि, पिछले महीनों की तुलना में यह वृद्धि अपेक्षाकृत धीमी रही। विशेषज्ञों के अनुसार, मांग में नरमी और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं ने सेवा क्षेत्र के विस्तार को सीमित किया।
सेवा क्षेत्र, जो भारत की आर्थिक वृद्धि का लगभग 55 प्रतिशत योगदान करता है, का यह आंकड़ा महत्वपूर्ण माना जाता है। सितंबर में नए आदेशों में धीमी वृद्धि और व्यावसायिक गतिविधियों में संतुलित वृद्धि ने संकेत दिया कि क्षेत्र में सुधार स्थिर है, लेकिन पहले जैसी तेजी नहीं देखी गई।
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विशेषज्ञों का कहना है कि सेवा क्षेत्र की मांग में सुधार और उत्पादन क्षमता बढ़ाने वाले कदम आर्थिक वृद्धि को फिर से तेजी दे सकते हैं। हालांकि, मुद्रास्फीति नियंत्रित बनी हुई है, जिससे कीमतों में अचानक वृद्धि की संभावना कम है।
इस डेटा के अनुसार, वित्तीय सेवाओं, आईटी, और व्यापारिक सेवाओं में वृद्धि देखी गई, जबकि पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में विकास थोड़ा धीमा रहा।
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