केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर की विधानसभा के नामित सदस्यों के मुद्दे पर स्पष्टता प्रदान करते हुए कहा है कि ये नामित सीटें जम्मू-कश्मीर सरकार के दायरे से बाहर हैं। इसके साथ ही, गृह मंत्रालय ने यह भी बताया कि उपराज्यपाल (L-G) के पास वैधानिक अधिकार हैं और वह जम्मू-कश्मीर सरकार का विस्तार नहीं हैं।
यह जानकारी मंत्रालय ने 24 जुलाई को दायर की गई हलफनामा में दी है। इस हलफनामे में केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल के पास अपनी संवैधानिक और वैधानिक शक्तियां हैं, जो उन्हें सरकार के नियंत्रण से स्वतंत्र बनाती हैं।
मंत्रालय ने कहा है कि उपराज्यपाल का पद जम्मू-कश्मीर सरकार का कोई विस्तार नहीं है, बल्कि वह केंद्र सरकार का प्रतिनिधि है और उन्हें अपने कार्यों में स्वतंत्र निर्णय लेने का अधिकार प्राप्त है।
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इसके अलावा, नामित सदस्यों को लेकर यह भी स्पष्ट किया गया कि वे विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों से अलग हैं और उनकी नियुक्ति तथा कार्यपालिका के साथ संबंध अलग होते हैं।
गृह मंत्रालय के इस बयान का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर प्रशासन में उपराज्यपाल की भूमिका और नामित सदस्यों की स्थिति को कानूनी और संवैधानिक दृष्टिकोण से स्पष्ट करना है।
कुल मिलाकर, यह हलफनामा जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक और संवैधानिक व्यवस्था में उपराज्यपाल के स्वतंत्र और वैधानिक अधिकारों को रेखांकित करता है और विधानसभा के नामित सदस्यों के सरकारी नियंत्रण से बाहर होने को दर्शाता है।
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