केरल में एक वरिष्ठ महिला नागरिक पुलिस अधिकारी को ₹16 लाख से अधिक की राशि गबन करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। यह राशि विभिन्न मामलों में वसूले गए जुर्माने की थी, जिसे कथित तौर पर आरोपी ने सरकारी खाते में जमा नहीं किया।
पुलिस विभाग ने अधिकारी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है, जिसमें धोखाधड़ी (धारा 420), नकली दस्तावेज़ तैयार करना (धारा 468), नकली दस्तावेज़ का वास्तविक के रूप में प्रयोग (धारा 471) और लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात (धारा 409) शामिल हैं। प्राथमिकी (FIR) में बताया गया है कि आरोपी अधिकारी ने दस्तावेज़ों में हेराफेरी करके जुर्माने की बड़ी राशि अपने पास रख ली और उसका हिसाब विभाग को नहीं दिया।
घटना सामने आने के बाद उच्च अधिकारियों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए संबंधित अधिकारी को निलंबित कर दिया और मामले की आंतरिक जांच शुरू कर दी गई है। जांच में प्रथम दृष्टया गबन की पुष्टि होने पर कानूनी कार्रवाई तेज कर दी गई।
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इस प्रकरण ने राज्य पुलिस विभाग की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं और अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि मामले में निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषी को सख्त सजा मिलेगी।
जनता के बीच पुलिस की जवाबदेही को लेकर यह मामला एक बार फिर चर्चा का विषय बन गया है।
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