महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में ऐप आधारित सार्वजनिक परिवहन वाहनों के संचालन के लिए मसौदा नियम जारी किए हैं। ये नियम मुख्य रूप से ऐसे प्लेटफॉर्म्स पर लागू होंगे जो यात्रियों को सेवा प्रदान करते हैं, जैसे कि ई-रिक्शा, ओला, उबर, रैपिडो और अन्य ऐप आधारित वाहनों के लिए।
सरकार का उद्देश्य इन नियमों के माध्यम से सेवा में अनुशासन, पारदर्शिता और यात्री सुरक्षा सुनिश्चित करना है। मसौदा नियमों में यह स्पष्ट किया गया है कि ऐप आधारित परिवहन सेवाओं को अपने संचालन में सभी कानूनी और सुरक्षा मानकों का पालन करना होगा। इससे यात्रियों को भरोसेमंद और सुरक्षित सेवा प्राप्त हो सकेगी।
इसके अलावा, नियमों में वाहन और चालक पंजीकरण, सफाई, समय पर सेवा, और ऐप पर ट्रैकिंग जैसी सुविधाओं को अनिवार्य करने पर जोर दिया गया है। इससे यात्रियों को यह सुनिश्चित करने का अवसर मिलेगा कि वे सुरक्षित और मानक सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं।
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सरकार ने कहा कि इन नियमों का पालन सभी ऐप आधारित परिवहन सेवाओं के लिए अनिवार्य होगा। इसका उद्देश्य न केवल यात्री सुरक्षा बढ़ाना है, बल्कि उद्योग में पारदर्शिता और अनुशासन भी लाना है। साथ ही, यह कदम राज्य में डिजिटल और स्मार्ट परिवहन के विकास को भी प्रोत्साहित करेगा।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह पहल महाराष्ट्र के सार्वजनिक परिवहन तंत्र को व्यवस्थित और आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल यात्रियों का अनुभव बेहतर होगा, बल्कि ऐप आधारित वाहनों के संचालन में समान नियम और जवाबदेही सुनिश्चित होगी।
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