देशभर के डॉक्टरों को राहत देते हुए, जो राष्ट्रीय चिकित्सा रजिस्टर (National Medical Register - NMR) की जटिल पंजीकरण प्रक्रिया के खिलाफ विरोध जता रहे थे, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने हाल ही में लोकसभा को सूचित किया कि एनएमआर पहचान (आईडी) जारी करने के लिए आवेदन पूरी तरह से ऐच्छिक है।
डॉक्टर समुदाय लंबे समय से यह शिकायत कर रहा था कि एनएमआर पंजीकरण प्रक्रिया अत्यधिक बोझिल, समय लेने वाली और तकनीकी कठिनाइयों से भरी हुई है। कई चिकित्सा संगठनों ने इस मुद्दे को सरकार के सामने उठाया था और इसे सरल बनाने की मांग की थी।
लोकसभा में जवाब देते हुए अनुप्रिया पटेल ने कहा कि सरकार का उद्देश्य सभी पंजीकृत डॉक्टरों को एक एकीकृत डिजिटल मंच पर लाना है ताकि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता, पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाई जा सके। लेकिन, उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलहाल इस पंजीकरण को अनिवार्य नहीं किया गया है और डॉक्टर अपनी इच्छा के अनुसार इसमें आवेदन कर सकते हैं।
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उन्होंने आगे बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) पंजीकरण प्रक्रिया को आसान और उपयोगकर्ता-मित्र बनाने के लिए कदम उठा रहे हैं। इसमें ऑनलाइन पोर्टल को बेहतर बनाना, बहुभाषी समर्थन प्रदान करना और चरणबद्ध निर्देश उपलब्ध कराना शामिल है।
इस घोषणा से डॉक्टर समुदाय में संतोष है। उनका मानना है कि इससे चिकित्सकों पर अनावश्यक दबाव कम होगा और जो इच्छुक हैं, वे स्वेच्छा से इस डिजिटल प्लेटफॉर्म का हिस्सा बन सकेंगे।
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