ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में चल रही बहस को लेकर सियासी माहौल गरमाता जा रहा है। संसदीय कार्य मंत्री किरें रिजिजू ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह इस महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा से भाग रहा है।
रिजिजू ने कहा कि संसद नियमों और प्रक्रियाओं के अनुसार संचालित होती है, लेकिन विपक्ष ने बहस के लिए सहमति देने के बाद अब पीछे हटने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, “विपक्ष ने पहले इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की मांग की थी, लेकिन अब वह इससे बच रहा है। यह न केवल संसद का अपमान है, बल्कि पूरे देश के साथ धोखा है।”
मंत्री ने आगे कहा कि ऑपरेशन सिंदूर राष्ट्रीय सुरक्षा और महत्वपूर्ण सैन्य कार्रवाई से जुड़ा विषय है, जिस पर खुलकर चर्चा होनी चाहिए ताकि देश को सही जानकारी मिल सके। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विपक्ष संसद में अनावश्यक बाधा डालकर बहस को बाधित करना चाहता है।
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वहीं, विपक्षी दलों ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह बहस को सीमित करना चाहती है और सभी दलों को पर्याप्त समय नहीं दे रही। उनका कहना है कि सरकार इस मुद्दे पर विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि संसद में इस तरह के टकराव से विधायी कार्य प्रभावित होता है और महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दों पर सार्थक बहस नहीं हो पाती।
आने वाले दिनों में यह देखना होगा कि क्या सरकार और विपक्ष के बीच कोई सहमति बन पाती है या नहीं। फिलहाल, ऑपरेशन सिंदूर को लेकर संसद के दोनों सदनों में गतिरोध जारी रहने की संभावना है।
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