भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने स्वर्ण आधारित उद्योगों को बड़ी राहत देते हुए बैंकों को अनुमति दी है कि वे ऐसे विनिर्माताओं (manufacturers) को वर्किंग कैपिटल लोन उपलब्ध करा सकें जो सोने को कच्चे माल के रूप में इस्तेमाल करते हैं। यह कदम सोने पर आधारित आभूषण उद्योग और उससे जुड़े छोटे-बड़े कारोबारियों के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
आम तौर पर बैंकों को सोना या चांदी खरीदने के लिए ऋण देने पर प्रतिबंध है। इसके साथ ही, प्राथमिक सोना या चांदी को संपार्श्विक (security) रखकर ऋण देने की भी अनुमति नहीं होती। लेकिन आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि अगर कोई विनिर्माता सोने का उपयोग कच्चे माल के रूप में करता है, तो उसे उत्पादन चक्र को सुचारू रखने के लिए वर्किंग कैपिटल लोन दिया जा सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले से आभूषण उद्योग को बड़ा सहारा मिलेगा। भारत दुनिया के सबसे बड़े स्वर्ण उपभोक्ता देशों में से एक है और यहां आभूषण उद्योग करोड़ों लोगों की आजीविका से जुड़ा हुआ है। लंबे समय से उद्योग जगत मांग कर रहा था कि सोने को कच्चे माल के रूप में इस्तेमाल करने वाले कारोबारियों को वित्तीय सहायता की सुविधा दी जाए।
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आरबीआई का यह निर्णय न केवल उद्योग को राहत देगा बल्कि बैंकिंग क्षेत्र के लिए भी नए अवसर पैदा करेगा। हालांकि, केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा है कि ऋण देने में सभी सामान्य सावधानियों और मानकों का पालन आवश्यक होगा ताकि वित्तीय अनुशासन कायम रहे।
यह कदम उत्पादन और निर्यात क्षमता को बढ़ावा देगा और भारतीय स्वर्ण आभूषण उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मकता को वैश्विक स्तर पर मजबूत कर सकता है।
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