तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि वे बिहार चुनाव प्रचार के दौरान क्षेत्रीय नफरत को भड़का रहे हैं और प्रधानमंत्री पद की गरिमा को भूल गए हैं।
स्टालिन ने बिहार के छपरा में गुरुवार को हुई मोदी की एक रैली का वीडियो क्लिप साझा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री “अक्सर भूल जाते हैं कि वे उस पद पर हैं जो पूरे देश के नागरिकों की सेवा के लिए है, न कि किसी क्षेत्र या समुदाय के लिए।”
द्रमुक (DMK) प्रमुख ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री का इस तरह का भाषण “देश की एकता और सामाजिक सौहार्द के लिए खतरनाक” है। उन्होंने कहा कि “प्रधानमंत्री पद किसी पार्टी या क्षेत्र विशेष का नहीं, बल्कि पूरे भारत का प्रतिनिधित्व करता है। जब एक प्रधानमंत्री ही विभाजनकारी बातें करते हैं, तो इससे लोकतंत्र की आत्मा को ठेस पहुँचती है।”
और पढ़ें: मतदाता सूची संशोधन पर पिनराई और स्टालिन का हमला, चुनाव आयोग पर पक्षपात के आरोप
स्टालिन के इस बयान ने राजनीतिक हलकों में नई बहस छेड़ दी है, खासकर ऐसे समय में जब बिहार में चुनावी माहौल चरम पर है। विपक्षी दलों का कहना है कि मोदी और भाजपा अपने प्रचार में भावनात्मक और क्षेत्रीय मुद्दों को भड़का रहे हैं, जबकि केंद्र सरकार इसे “विकास पर आधारित चुनावी अभियान” बता रही है।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, स्टालिन का यह बयान राष्ट्रीय राजनीति में दक्षिणी और उत्तरी राज्यों के बीच बढ़ती राजनीतिक दूरी को भी उजागर करता है।
और पढ़ें: पांच पांडवों की गारंटी : बिहार चुनाव के लिए एनडीए ने जारी किया घोषणापत्र