सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने देश के छह अलग-अलग हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए कई नामों की सिफारिश की है। मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई की अध्यक्षता में हुई तीन सदस्यीय कॉलेजियम की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
बैठक में दिल्ली हाईकोर्ट के लिए न्यायिक अधिकारी विमल कुमार यादव के नाम को मंजूरी दी गई है। कॉलेजियम का कहना है कि न्यायपालिका में योग्य और अनुभवी न्यायाधीशों की नियुक्ति से न्यायिक प्रणाली को मजबूती मिलेगी और लंबित मामलों के निपटारे में तेजी आएगी।
इसके अलावा, अन्य पांच हाईकोर्ट्स के लिए भी संभावित उम्मीदवारों के नामों पर विचार किया गया और उनकी नियुक्तियों की सिफारिश की गई। कॉलेजियम ने कहा कि इन नियुक्तियों से न्यायालयों में न्यायाधीशों की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी।
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सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम का यह निर्णय अब केंद्र सरकार को भेजा जाएगा, जहां से राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद अंतिम नियुक्तियां होंगी। कॉलेजियम ने यह भी स्पष्ट किया कि चयन प्रक्रिया में वरिष्ठता, योग्यता और ईमानदारी को प्राथमिकता दी गई है।
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि न्यायपालिका में न्यायाधीशों की कमी लंबे समय से एक गंभीर समस्या रही है, जिससे मामलों के लंबित रहने की संख्या लगातार बढ़ती गई है। इन नई नियुक्तियों से न्याय वितरण प्रणाली में सुधार आने की उम्मीद है।
यह सिफारिश ऐसे समय पर आई है जब कई हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की कमी 30% से अधिक है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम का यह कदम न्यायपालिका को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।
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