अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वर्जीनिया के एक सैन्य अड्डे पर जनरलों और एडमिरलों को संबोधित करते हुए कई झूठे और भ्रामक दावे किए। इस भाषण में ट्रंप ने सेना की ताकत, नाटो, स्पेस फोर्स, यूक्रेन युद्ध, प्रवासन और यहां तक कि 2020 चुनाव को लेकर भी तथ्यहीन बयान दिए। सीएनएन और अन्य स्रोतों ने इन दावों की तथ्य-जांच की, जिससे स्पष्ट हुआ कि कई बातें पहले भी गलत साबित हो चुकी हैं।
विशेष रूप से, ट्रंप ने दावा किया कि जो बाइडेन ने कभी अमेरिका की सेना को दुनिया की सबसे ताकतवर नहीं कहा, जबकि बाइडेन बार-बार यह बात दोहरा चुके हैं। इसी तरह ट्रंप ने कहा कि बाइडेन स्पेस फोर्स खत्म करना चाहते थे, जबकि इसका कोई सबूत नहीं है। नाटो में रक्षा खर्च बढ़ाने का श्रेय भी उन्होंने खुद को दिया, जबकि 2 प्रतिशत लक्ष्य 2006 में ही तय हो गया था। उन्होंने यह भी गलत कहा कि बाइडेन ने यूक्रेन को 350 अरब डॉलर मदद दी, जबकि असल राशि लगभग 135 अरब डॉलर थी। इसके अलावा, उन्होंने सात युद्ध खत्म करने, कांगो और वेनेजुएला द्वारा जेलें खाली कर कैदियों को अमेरिका भेजने और 25 मिलियन प्रवासियों के आने जैसे झूठे दावे भी दोहराए।
अब सवाल यह है कि इन गलत बयानों का असर अमेरिकी राजनीति और जनता पर क्या होगा। तथ्य-जांच से साफ है कि ट्रंप की कई बातें भ्रामक हैं। आगे, मीडिया और न्यायपालिका इस तरह के बयानों की जांच जारी रखेंगे, जिससे सच्चाई सामने लाई जा सके।
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