ब्रिटिश के प्रधानमंत्री के भारत दौरे के दौरान दोनों देशों के वाणिज्य और निवेश मंत्री ने व्यापार और निवेश साझेदारी को और मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की। इस बैठक का उद्देश्य भारत और यूके के बीच द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग को गहरा करना और व्यापार एवं निवेश के नए अवसर तलाशना था।
बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने संयुक्त आर्थिक और व्यापार समिति (Joint Economic and Trade Committee – JETCO) को पुनःसंगठित करने पर सहमति जताई। इसके लिए Terms of Reference (ToR) पर हस्ताक्षर किए गए, जो समिति के कामकाज और प्राथमिकताओं को स्पष्ट करेंगे। इससे द्विपक्षीय व्यापार सहयोग को सुदृढ़ करने और नई रणनीतियाँ बनाने में मदद मिलेगी।
सूत्रों के अनुसार, दोनों देशों ने वित्त, स्वास्थ्य, डिजिटल प्रौद्योगिकी और हरित ऊर्जा क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने के लिए विशेष पहल करने पर भी चर्चा की। इसके अलावा, व्यापारिक बाधाओं को कम करने और भारतीय उद्यमियों के लिए ब्रिटिश बाजार में प्रवेश आसान बनाने के उपायों पर भी ध्यान दिया गया।
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विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि यह दौरा भारत-यूके के साझा आर्थिक हितों और रणनीतिक सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण है। बैठक में दोनों देशों ने यह भी उल्लेख किया कि व्यापारिक और निवेश समझौतों को तेजी से लागू करना भविष्य में रोजगार सृजन और आर्थिक विकास में सहायक होगा।
विश्लेषकों का मानना है कि यह पहल भारत और यूके के बीच व्यापार संबंधों को अगले स्तर तक ले जाने में मदद करेगी और दोनों देशों के लिए स्थायी आर्थिक लाभ सुनिश्चित करेगी।
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