पुणे की स्थानीय राजनीति में बड़ा फेरबदल देखने को मिला है। पूर्व पुणे उपमहापौर और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के कॉरपोरेटर रह चुके दिलीप बराते शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। उनके साथ ही पूर्व कांग्रेस कॉरपोरेटर अभिजीत शिवरकर भी भाजपा में शामिल हुए। यह घटनाक्रम आगामी पुणे नगर निगम (पीएमसी) चुनावों से पहले राजनीतिक हलकों में काफी अहम माना जा रहा है।
भाजपा ने हाल के दिनों में एनसीपी (एसपी) और शिवसेना (यूबीटी) के कई कार्यकर्ताओं को अपने पाले में लाने के बाद अब कांग्रेस नेताओं को भी पार्टी में शामिल करना शुरू कर दिया है। अभिजीत शिवरकर, पूर्व कांग्रेस मंत्री बालासाहेब शिवरकर के पुत्र हैं और वानौरी इलाके में उनकी सक्रिय राजनीतिक मौजूदगी रही है। वहीं, दिलीप बराते इससे पहले वॉरजे क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और नगर निगम में एक जाना-पहचाना चेहरा रहे हैं।
भाजपा में शामिल होने के बाद अभिजीत शिवरकर ने कहा कि शिवरकर परिवार वर्षों तक कांग्रेस के प्रति समर्पित रहा है, लेकिन अब वह पूरी निष्ठा के साथ भाजपा के लिए काम करेगा। उन्होंने दावा किया कि भाजपा की नीतियां और नेतृत्व उन्हें पार्टी में शामिल होने के लिए प्रेरित करने वाले मुख्य कारण हैं।
और पढ़ें: रूस का दावा: जापोरिज़िया क्षेत्र में एक और गांव पर कब्ज़ा
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इन नेताओं के भाजपा में शामिल होने से पार्टी को पुणे नगर निगम चुनावों में मजबूती मिल सकती है, खासकर उन इलाकों में जहां इन नेताओं की व्यक्तिगत पकड़ और जनाधार रहा है। दूसरी ओर, कांग्रेस और एनसीपी के लिए यह झटका माना जा रहा है, क्योंकि स्थानीय स्तर पर प्रभावशाली नेताओं का दलबदल चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकता है।
आगामी नगर निकाय चुनावों से पहले इस तरह के राजनीतिक घटनाक्रमों से पुणे की राजनीति और अधिक दिलचस्प होने की उम्मीद है।
और पढ़ें: 2026 बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए तृणमूल कांग्रेस का नया नारा: जितने हमले करो, फिर भी जीतेगा बंगाल