असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने रविवार (7 दिसंबर 2025) को तेजपुर विश्वविद्यालय में जारी छात्र आंदोलन की आलोचना करते हुए कहा कि वे किसी भी प्रकार के आंदोलन के साथ नहीं हैं, बल्कि संवाद का समर्थन करते हैं। विश्वविद्यालय में पिछले कई हफ्तों से तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। छात्रों का आरोप है कि कुलपति (VC) शंभु नाथ सिंह और विश्वविद्यालय प्रशासन ने गायक जुबिन गर्ग के निधन पर राज्य के शोक के दौरान उचित सम्मान नहीं दिया।
मिड-सितंबर से शुरू हुआ यह आंदोलन 29 नवंबर से और तेज हो गया, जब छात्रों ने कैंपस में “पूर्ण बंद” लागू कर दिया, जिसके चलते सभी टर्म-एंड परीक्षाएं रद्द करनी पड़ीं।
एक कार्यक्रम के दौरान सीएम हिमंत ने कहा, “जहां आंदोलन है, मैं वहां नहीं हूँ। मैं वहां रहूँगा जहां संवाद हो।”
जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या VC को हटाए जाने का निर्णय केंद्रीय टीम की विश्वविद्यालय यात्रा के बाद लिया गया है, तो उन्होंने कहा, “मुझे पता नहीं।” उन्होंने बताया कि उन्होंने हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से बात कर प्रो-वीसी की तैनाती और वर्तमान VC के खिलाफ निष्पक्ष जांच की मांग की है।
और पढ़ें: कर्नाटक में कार दुर्घटना: लोकायुक्त इंस्पेक्टर की जलकर मौत
कांग्रेस नेता गौरव गोगोई का बयान
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने इस छात्र आंदोलन की सराहना करते हुए इसे “नए असम की भावना” बताया। उन्होंने कहा कि सरकार ने विश्वविद्यालय की स्थिति को संभालने में लापरवाही बरती है।
गोगोई ने X पर लिखा कि तेजपुर विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों ने संघर्ष के दौरान “दृढ़ता, गरिमा और अनुशासन” का परिचय दिया है। उन्होंने इस आंदोलन को जुबिन गर्ग के प्रसिद्ध कथन से जोड़ते हुए “कंचनजंघा की भावना” बताया।
और पढ़ें: मतदाता सूची में गड़बड़ी पर चेतावनी: त्रिपुरा कांग्रेस विधायक बोले—गड़बड़ी की तो BLO को सार्वजनिक रूप से पीटा जाएगा