कोलकाता के प्रतिष्ठित ब्रिगेड परेड ग्राउंड में रविवार को एक भव्य आध्यात्मिक आयोजन देखने को मिला, जहां लाखों लोगों ने एक साथ भगवद गीता का पाठ किया। इस कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस, भाजपा नेताओं के साथ-साथ राज्यभर के साधु-संत और साध्वियाँ भी शामिल हुए। इसे सनातन संस्कृति संसद द्वारा राज्य की आध्यात्मिक धरोहर को प्रदर्शित करने और सामाजिक सौहार्द को मजबूत करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में भारी भीड़ और व्यापक भागीदारी के बीच राजनीतिक बयानबाज़ी भी तेज हो गई। भाजपा नेता दिलीप घोष ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) को चुनौती देते हुए कहा कि यदि उनमें हिम्मत है तो वे भी ऐसा ही विशाल गीता पाठ आयोजन कर दिखाएं। उन्होंने कहा कि गीता का संदेश पूरे समाज को जोड़ने का काम करता है और पश्चिम बंगाल की सांस्कृतिक परंपरा इससे गहराई से जुड़ी है।
इधर TMC के नेता कुणाल घोष ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह इस आयोजन का उपयोग लोगों को सांप्रदायिक आधार पर ध्रुवीकृत करने के लिए कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा को यह नहीं भूलना चाहिए कि अयोध्या में प्रधानमंत्री द्वारा राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा कराने के बावजूद पार्टी को वहां लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। उनके मुताबिक, “भाजपा ऐसे कार्यक्रमों का राजनीतिक फायदा उठाना चाहती है, लेकिन जनता सब समझती है और सही फैसला करती है।”
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सनातन संस्कृति संसद के आयोजकों ने कहा कि भगवद गीता का संदेश सिर्फ धार्मिक नहीं बल्कि दार्शनिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक स्तर पर भी समाज को दिशा देता है। उनका कहना था कि इस आयोजन का उद्देश्य किसी राजनीतिक दल का समर्थन करना नहीं बल्कि समाज को एकता और शांति का संदेश देना है।
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