कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बीजेपी और आरएसएस पर आरोप लगाया है कि वे देश के संविधान को कमजोर कर भारत के गणराज्य को धार्मिक राज्य में बदलने की साजिश कर रहे हैं।
सोनिया गांधी ने कहा, “आज हमारा संविधान गंभीर संकट में है। बीजेपी-आरएसएस, जिसने कभी स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा नहीं लिया और समानता के सिद्धांत का समर्थन नहीं किया, अब सत्ता का दुरुपयोग कर उस ढांचे को ध्वस्त कर रही है, जिसका वह लंबे समय से विरोध करती रही है।”
उन्होंने आगे कहा कि सरकार लोकतांत्रिक संस्थानों को कमजोर कर रही है और संवैधानिक मूल्यों पर लगातार हमला कर रही है। सोनिया गांधी के अनुसार, यह केवल सत्ता परिवर्तन नहीं बल्कि विचारधारात्मक तख्तापलट है, जिसका उद्देश्य देश के धर्मनिरपेक्ष ढांचे को खत्म करना है।
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कांग्रेस नेता ने जनता से अपील की कि वे संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए एकजुट हों। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों ने देश को आज़ाद कराने और लोकतांत्रिक गणराज्य स्थापित करने के लिए बलिदान दिए थे, जिन्हें किसी भी कीमत पर कमजोर नहीं होने दिया जाएगा।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान बीजेपी की नीतियों और संविधान में संभावित बदलावों को लेकर विपक्ष की गहरी चिंता को दर्शाता है।
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