भारतीय फुटबॉल खिलाड़ियों ने मंगलवार (11 नवंबर 2025) को एक संयुक्त बयान जारी करते हुए इंडियन सुपर लीग (ISL) सीज़न को जल्द शुरू करने की अपील की। खिलाड़ियों ने कहा कि उनकी “नाराज़गी और गुस्सा अब बेबसी में बदल चुका है।”
यह अपील उस वक्त आई जब ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (AIFF) ने पिछले हफ्ते कहा कि उसे आईएसएल के वाणिज्यिक अधिकारों के लिए कोई बोली नहीं मिली है। आरएफपी (Request for Proposal) के तहत 15 साल के अनुबंध के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए गए थे, लेकिन कोई भी बोलीदाता सामने नहीं आया।
संदीश झिंगन ने सोशल मीडिया पर कहा, “यह अब देरी नहीं, बल्कि ठहराव है। हमने बहुत मेहनत और बलिदान किया है, और अब हमारा सीज़न यूं ही खत्म नहीं होना चाहिए।”
उन्होंने जोड़ा, “हर दिन भारतीय फुटबॉल घायल हो रहा है। हमें अब कार्रवाई की ज़रूरत है।”
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सुनील छेत्री, गुरप्रीत सिंह संधू और अन्य खिलाड़ियों ने भी साझा बयान में कहा, “हम सब एकजुट हैं और केवल एक बात कहना चाहते हैं— हम खेलना चाहते हैं और अभी।”
छेत्री ने इंस्टाग्राम पर लिखा, “हम अपने प्रिय खेल को वापस जीवित करने के लिए जो भी करना पड़े, करने को तैयार हैं।”
इस संकट के बीच, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनी AIFF बोली मूल्यांकन समिति, जिसकी अध्यक्षता न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) नागेश्वर राव कर रहे हैं, इस पूरे प्रकरण की रिपोर्ट शीर्ष अदालत में पेश करेगी।
2014 में शुरू हुई आईएसएल को भारतीय फुटबॉल का भविष्य माना गया था, लेकिन बोली न मिलने से इसकी वाणिज्यिक स्थिति और भविष्य दोनों पर गंभीर सवाल उठ गए हैं।
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