भारतीय क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर ने हाल ही में उस धारणा को खारिज कर दिया जिसमें कहा जाता है कि भारत तब ज्यादा जीतता है जब जसप्रीत बुमराह नहीं खेलते। तेंदुलकर ने इस ‘मिथक’ पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि क्रिकेट टीम की जीत या हार को केवल एक खिलाड़ी की मौजूदगी या गैरमौजूदगी से जोड़ना गलत है।
तेंदुलकर ने कहा, “लोग इस बारे में चर्चा कर रहे हैं कि भारत तब जीतता है जब बुमराह नहीं खेलते। लेकिन सच्चाई यह है कि मैच कई कारकों पर निर्भर करता है – टीम का संतुलन, रणनीति, पिच की स्थिति और अन्य खिलाड़ियों का प्रदर्शन।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि बुमराह भारत के सबसे बेहतरीन गेंदबाजों में से एक हैं और उनकी मौजूदगी हमेशा टीम के लिए बड़ा प्लस पॉइंट है। तेंदुलकर ने कहा, “बुमराह का होना भारत के लिए मैच जिताने वाला फैक्टर है। यह कहना कि टीम उनके बिना ही जीत सकती है, उनके योगदान को कम आंकना है।”
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विश्लेषकों का मानना है कि हाल के कुछ मैचों में भारत ने बुमराह के बिना भी जीत दर्ज की, जिससे यह बहस शुरू हुई। लेकिन तेंदुलकर के बयान ने यह स्पष्ट कर दिया कि क्रिकेट एक टीम गेम है और केवल एक खिलाड़ी की भूमिका से नतीजे तय नहीं होते।
इस बयान के बाद क्रिकेट फैंस और विशेषज्ञों ने भी सोशल मीडिया पर तेंदुलकर के विचारों का समर्थन किया और बुमराह को भारत के लिए अनिवार्य खिलाड़ी बताया।
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