महाराष्ट्र के ठाणे जिले में पुलिस ने सात बांग्लादेशी नागरिकों को भारत में अवैध रूप से ठहरने के आरोप में गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि यह कार्रवाई खुफिया सूचना के आधार पर की गई।
पुलिस के अनुसार, आरोपियों के पास भारत में रहने के लिए न तो वैध वीज़ा था और न ही किसी प्रकार के यात्रा दस्तावेज़। जांच में यह भी सामने आया कि वे पिछले कई महीनों से ठाणे और उसके आसपास के क्षेत्रों में रह रहे थे और दिहाड़ी मजदूरी करके जीवनयापन कर रहे थे।
पुलिस ने बताया कि विदेशी अधिनियम और पासपोर्ट अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। फिलहाल सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और मामले की विस्तृत जांच जारी है। अधिकारियों ने यह भी कहा कि जांच में यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि वे भारत में किस माध्यम से दाखिल हुए और उनके ठहरने में किसने मदद की।
और पढ़ें: जनता के प्रति संवेदनशील और सुलभ रहें, कलेक्टरों को चंद्रबाबू नायडू की सलाह
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाएँ न केवल सुरक्षा के दृष्टिकोण से चिंता का विषय है, बल्कि अवैध प्रवास की व्यापक समस्या की ओर भी इशारा करती हैं। बार-बार ऐसे मामले सामने आना इस बात को रेखांकित करता है कि सीमा प्रबंधन और आंतरिक निगरानी व्यवस्था को और मजबूत करने की आवश्यकता है।
ठाणे पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि यदि उन्हें अपने क्षेत्र में किसी संदिग्ध व्यक्ति के बारे में जानकारी मिलती है तो तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दें। प्रशासन का कहना है कि इस तरह की सतर्कता राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहायक होगी।
और पढ़ें: विजयवाड़ा में डायरिया पर नियंत्रण के लिए सख़्त उपायों की मांग