केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने उन्नाव रेप मामले में पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दी गई राहत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करने का फैसला किया है। CBI ने कहा है कि वह दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा सेंगर की उम्रकैद की सजा निलंबित करने और जमानत देने के आदेश को जल्द से जल्द चुनौती देगी।
बुधवार (24 दिसंबर 2025) को CBI के अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच के आदेशों का अध्ययन करने के बाद यह निर्णय लिया गया है। CBI के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (SLP) दाखिल की जाएगी।
हालांकि, कुलदीप सेंगर फिलहाल जेल में ही रहेंगे, क्योंकि वह रेप पीड़िता के पिता की हिरासत में हुई मौत के मामले में 10 साल की सजा भी काट रहे हैं। सेंगर ने अपनी उम्रकैद की सजा के खिलाफ अपील दाखिल की थी, जिसका CBI और पीड़िता के परिवार ने कड़ा विरोध किया था। पीड़िता के परिवार ने सुरक्षा और लगातार मिल रही धमकियों का हवाला देते हुए जमानत का विरोध किया।
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मंगलवार (23 दिसंबर 2025) को दिल्ली हाई कोर्ट ने 2017 के उन्नाव रेप केस में उम्रकैद की सजा काट रहे सेंगर की जेल की सजा को निलंबित करते हुए कहा था कि वह पहले ही सात साल और पांच महीने जेल में बिता चुके हैं। इस आदेश के बाद पीड़िता और उसकी मां ने विरोध प्रदर्शन किया, लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें बलपूर्वक वहां से हटा दिया।
इस मुद्दे ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने पुलिस कार्रवाई और सेंगर को जमानत दिए जाने पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि रेप पीड़िता के साथ इस तरह का व्यवहार शर्मनाक है और लोकतंत्र में असहमति की आवाज दबाना अपराध है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने जमानत देते समय सेंगर पर कई शर्तें लगाईं, जिनमें ₹15 लाख के निजी मुचलके, पीड़िता के घर से पांच किलोमीटर दूर रहने और किसी भी तरह की धमकी न देने के निर्देश शामिल हैं। यह मामला सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 2019 में उत्तर प्रदेश से दिल्ली स्थानांतरित किया गया था।
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