वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की बैठक 3 और 4 सितंबर को आयोजित होगी, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा सुझाए गए दो-दर वाले जीएसटी ढांचे के प्रस्ताव पर चर्चा और निर्णय होने की संभावना है।
जीएसटी परिषद ने हाल के महीनों में विभिन्न मंत्रियों के समूह (Groups of Ministers – GoM) का गठन किया था, जिनकी सिफारिशों पर भी इस बैठक में विचार किया जाएगा। परिषद का मुख्य उद्देश्य मौजूदा बहु-स्लैब संरचना को सरल बनाना और कर प्रणाली को अधिक पारदर्शी एवं उद्योग-हितैषी बनाना है।
केंद्र सरकार का मानना है कि वर्तमान जीएसटी दरों की जटिलता से व्यापारियों और उपभोक्ताओं दोनों को कठिनाई होती है। दो-दर वाली प्रणाली से कर व्यवस्था न केवल सरल होगी, बल्कि अनुपालन (compliance) का बोझ भी कम होगा।
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सूत्रों के मुताबिक, परिषद इस बैठक में कर चोरी रोकने के उपाय, ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को मजबूत करने और छोटे व्यवसायों के लिए राहत देने जैसे मुद्दों पर भी चर्चा कर सकती है। इसके अलावा, राज्यों की राजस्व क्षति की भरपाई के मसले पर भी बात हो सकती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यह प्रस्ताव लागू होता है, तो यह जीएसटी व्यवस्था में अब तक का सबसे बड़ा सुधार होगा। हालांकि, दरों के पुनर्गठन को लेकर राज्यों के बीच सहमति बनाना परिषद के लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य रहेगा।
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