रूस ने भारत के उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (एएमसीए) कार्यक्रम को पूरा समर्थन देने की घोषणा की है और भारत में अत्याधुनिक पांचवीं पीढ़ी के सुखोई Su-57 लड़ाकू विमानों के निर्माण का प्रस्ताव दिया है। यह प्रस्ताव भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग को एक नई दिशा देने वाला माना जा रहा है।
रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा कि रूस, भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए हर संभव तकनीकी और औद्योगिक सहायता देने को तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर भारत सहमत होता है, तो Su-57 जैसे उन्नत लड़ाकू विमानों का निर्माण भारत में किया जा सकता है, जिससे ‘मेक इन इंडिया’ पहल को भी बल मिलेगा।
यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि भारत जल्द ही रूस से तेल की खरीद रोक देगा। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अलीपोव ने कहा कि “रूसी ऊर्जा अब भी वैश्विक बाजार में सबसे किफायती और विश्वसनीय विकल्प है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि रूस और भारत के बीच ऊर्जा सहयोग दीर्घकालिक है और किसी बाहरी दबाव से प्रभावित नहीं होगा।
और पढ़ें: प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं, भारत-रूस संबंधों को और मजबूत करने का संकल्प दोहराया
राजनयिक सूत्रों के अनुसार, रूस की यह पेशकश भारत के लिए एक रणनीतिक अवसर हो सकता है, जिससे वह अपनी वायुसेना को तकनीकी रूप से और अधिक उन्नत बना सकेगा। साथ ही, यह भारत-रूस रक्षा संबंधों को और भी मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।
और पढ़ें: भारत-रूस व्यापार संतुलन सुधारने के लिए पुतिन ने दिए निर्देश