भारत और रूस के रक्षा मंत्री 4 दिसंबर को नई दिल्ली में मुलाकात करेंगे, जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत के राजकीय दौरे पर होंगे। इस उच्च-स्तरीय बैठक का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच चल रहे रक्षा सहयोग की समीक्षा करना और भविष्य की रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा करना है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अपने रूसी समकक्ष आंद्रे बेलोउसॉव से विस्तृत वार्ता करेंगे। बैठक के दौरान दोनों पक्ष प्रमुख रक्षा परियोजनाओं, संयुक्त उत्पादन, तकनीकी सहयोग और नए सैन्य प्लेटफार्मों के विकास पर विचार-विमर्श करेंगे।
सबसे अहम एजेंडा रूस की अगली पीढ़ी की मिसाइल रक्षा प्रणाली S-500 ‘प्रोमेतेई’ को लेकर होगा, जो विश्व की सबसे उन्नत एयर और मिसाइल डिफेंस प्रणालियों में से एक मानी जाती है। यह प्रणाली 600 किलोमीटर तक की दूरी से बैलिस्टिक मिसाइलों को इंटरसेप्ट कर सकती है, जबकि 400 किलोमीटर की रेंज में एयरबोर्न लक्ष्यों को मार गिराने में सक्षम है। भारत इस प्रणाली की संभावित खरीद पर विचार कर रहा है, जो देश की बहु-स्तरीय वायु सुरक्षा संरचना को और मजबूत कर सकती है।
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इसके अतिरिक्त, बैठक में जहाज़ निर्माण, पनडुब्बी परियोजनाओं, संयुक्त रूप से विकसित हथियार प्रणालियों और तकनीकी हस्तांतरण को बढ़ावा देने पर भी चर्चा होगी। दोनों देशों के बीच रक्षा उद्योग में लंबे समय से मजबूत सहयोग रहा है, जिसमें ब्रह्मोस मिसाइल, सुखोई-30 एमकेआई, टी-90 टैंक और कई अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाएं शामिल हैं।
राष्ट्रपति पुतिन के दौरे के मद्देनज़र यह बैठक बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि इससे भारत-रूस रक्षा साझेदारी को नई दिशा मिल सकती है और भविष्य की रणनीतिक तैयारियों को बल मिलेगा।
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