अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक विवादित बयान देते हुए कहा कि अमेरिका ने भारत और रूस को ‘डार्क चाइना’ के हाथों खो दिया है। ट्रंप ने यह टिप्पणी वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य और अमेरिका की विदेश नीति के संदर्भ में की।
हाल ही में ट्रंप के शीर्ष व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने भी इस विषय पर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था कि भारत, रूस और चीन के बीच बढ़ती नजदीकी अमेरिका के लिए “चिंताजनक” है। नवारो ने इसे एक ऐसी स्थिति बताया जो अमेरिका की रणनीतिक स्थिति को कमजोर कर सकती है।
ट्रंप ने अपने बयान में चीन को "डार्क चाइना" कहते हुए आरोप लगाया कि चीन अपने प्रभाव और आर्थिक ताकत का इस्तेमाल कर दुनिया के बड़े देशों को अपने पाले में खींच रहा है। उनका कहना था कि अमेरिका की वर्तमान नीतियों के कारण भारत और रूस जैसे महत्वपूर्ण साझेदार चीन के करीब हो गए हैं।
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विशेषज्ञों का मानना है कि यह बयान ट्रंप की चुनावी राजनीति और उनकी पुरानी विदेश नीति की सोच को दर्शाता है, जिसमें चीन को सबसे बड़ी चुनौती और प्रतिद्वंदी माना जाता है। वहीं, भारत और रूस का चीन के साथ संबंध अमेरिका के हितों के विपरीत देखा जा रहा है।
इस बयान के बाद अंतरराष्ट्रीय राजनीति में बहस छिड़ गई है कि क्या वास्तव में भारत और रूस चीन की ओर अधिक झुक रहे हैं, या यह केवल ट्रंप की राजनीतिक बयानबाज़ी है।
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