यूनाइटेड किंगडम को रूस, ईरान और आतंकवादियों से लगातार बढ़ते खतरे का सामना करना पड़ रहा है। यह जानकारी ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी MI5 के निदेशक जनरल केन मैकलम ने दी। उन्होंने बताया कि राज्य विरोधी गतिविधियों में संलिप्त लोगों की संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
केन मैकलम ने कहा कि प्रतिकूल राष्ट्र लगातार उन “कुरूप” तरीकों का उपयोग कर रहे हैं, जो आमतौर पर आतंकवादी समूहों द्वारा अपनाए जाते हैं। उनका कहना था कि विदेशी खुफिया एजेंसियों और दुश्मन राष्ट्रों की गतिविधियाँ जटिल और खतरनाक हो रही हैं, जिससे ब्रिटेन की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौतियां पैदा हो रही हैं।
उन्होंने जोर दिया कि MI5 लगातार इन खतरों पर नजर रख रही है और समय पर कार्रवाई सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने बताया कि एजेंसी ने सुरक्षा उपायों को मजबूत करने और संभावित खतरों का विश्लेषण करने के लिए तकनीकी और मानवीय संसाधनों का उपयोग बढ़ा दिया है।
और पढ़ें: कर्नाटक कैबिनेट ने सरकारी संस्थानों और सार्वजनिक स्थलों में RSS गतिविधियों पर रोक लगाने की तैयारी की
विशेषज्ञों का कहना है कि रूस और ईरान की खुफिया गतिविधियों के साथ-साथ वैश्विक और घरेलू आतंकवाद की बढ़ती धमकियां ब्रिटेन की सुरक्षा को चुनौती दे रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि MI5 की सतर्कता और रणनीतिक उपाय इन खतरों का सामना करने में निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं।
केन मैकलम के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि ब्रिटेन न केवल पारंपरिक खतरों, बल्कि साइबर और आतंकवादी खतरों के प्रति भी पूरी तरह सजग है और इसे रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहा है।
और पढ़ें: एकतरफा धमकाने पर चीन ने अमेरिका को चेताया, रूस से तेल आयात पर प्रतिबंध लगाने पर उठाएगा कड़ा कदम