ऑस्ट्रेलिया का MQ-28 ‘घोस्ट बैट’ (Ghost Bat) ड्रोन देश की आधुनिक सैन्य तकनीक में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। यह एक लॉयल विंगमैन (Loyal Wingman) ड्रोन है, जिसे ऑस्ट्रेलियाई वायु सेना (RAAF) और बोइंग कंपनी ने संयुक्त रूप से विकसित किया है। इस ड्रोन को “मानव-संचालित लड़ाकू विमानों के सहयोगी” के रूप में डिजाइन किया गया है, जो युद्ध के दौरान मानव पायलटों के साथ उड़ान भर सकता है और खतरनाक मिशनों को अंजाम दे सकता है।
MQ-28 का नाम “Ghost Bat” एक ऑस्ट्रेलियाई शिकारी चमगादड़ से प्रेरित है, जो अपने अत्यंत तेज़ नेविगेशन और सटीकता के लिए जाना जाता है। यह ड्रोन 11 मीटर लंबा है और इसकी उड़ान सीमा लगभग 3,700 किलोमीटर तक है। इसे अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) प्रणाली से लैस किया गया है, जिससे यह खुद निर्णय लेने और बदलती परिस्थितियों में प्रतिक्रिया देने में सक्षम है।
इसका मुख्य उद्देश्य वायु सेना के लड़ाकू विमानों जैसे F/A-18 Super Hornet और F-35 Lightning II को समर्थन देना है। यह निगरानी, जासूसी, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, और दुश्मन के रडार सिस्टम को भेदने जैसे मिशनों में इस्तेमाल किया जा सकता है।
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ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्रालय के अनुसार, MQ-28 परियोजना देश की रक्षा आत्मनिर्भरता को मजबूत करने और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में रणनीतिक संतुलन बनाए रखने की दिशा में एक अहम कदम है।
इस ड्रोन की खासियत यह है कि यह सस्ता, बहुउद्देशीय और जोखिम भरे अभियानों में मानव पायलटों की जान बचाने वाला एक अत्याधुनिक विकल्प है।
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