प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में लखनऊ में कई ठिकानों पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई पूर्व U.P. इन्वेस्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) और एक कथित बिचौलिए निकांत जैन से जुड़े चार ठिकानों पर की गई।
सूत्रों के अनुसार, यह छापेमारी धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत की जा रही है। जांच एजेंसी को संदेह है कि निकांत जैन और कुछ अन्य लोगों ने वित्तीय अनियमितताओं और रिश्वत के जरिए अवैध संपत्ति अर्जित की है। इन लोगों पर सरकारी योजनाओं और निवेश परियोजनाओं में पैसे के हेरफेर का आरोप है।
ED ने संबंधित दस्तावेज़ों, डिजिटल उपकरणों, लेनदेन रिकार्ड और अन्य सबूतों की तलाशी ली है। छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए हैं, जिनसे मनी ट्रेल और अन्य जुड़े व्यक्तियों की पहचान में मदद मिल सकती है।
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U.P. इन्वेस्ट, उत्तर प्रदेश सरकार की एक प्रमुख एजेंसी है, जो राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए काम करती है। पूर्व CEO की भूमिका अब जांच के घेरे में आ गई है कि उनके कार्यकाल में किन-किन परियोजनाओं में वित्तीय गड़बड़ियां हुईं।
ED की यह कार्रवाई उन बढ़ते मामलों की कड़ी है, जिनमें कथित बिचौलियों के माध्यम से भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग को अंजाम दिया जा रहा है। जांच एजेंसी ने यह भी संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में और भी लोगों से पूछताछ हो सकती है।
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