भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को व्यापक बनाने के लिए हुई वार्ता का एक और दौर संपन्न हो गया है। दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने बातचीत में सामान, सेवाएँ, गतिशीलता, डिजिटल व्यापार, मूल नियम (Rules of Origin), कानूनी और संस्थागत प्रावधान, पर्यावरण, श्रम और लैंगिक समानता जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों को शामिल किया।
अधिकारियों के अनुसार, इस दौर की चर्चा का उद्देश्य मौजूदा आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (ECTA) को आगे बढ़ाकर एक व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) के रूप में विकसित करना था। इससे दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश के अवसरों में वृद्धि की उम्मीद है।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 2022 में लागू हुए अंतरिम व्यापार समझौते के तहत कई वस्तुओं पर शुल्क में कटौती की गई थी। अब दोनों देश इसे और गहन बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं ताकि व्यापार संबंधों में दीर्घकालिक स्थिरता और विविधता लाई जा सके।
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विशेषज्ञों का मानना है कि यह समझौता रोज़गार सृजन, सेवाओं के आदान-प्रदान, डिजिटल अर्थव्यवस्था और आपसी निवेश को बढ़ावा देगा। साथ ही, वार्ता में पर्यावरण और श्रम मानकों के अनुपालन तथा लैंगिक समानता को प्राथमिकता देने पर भी सहमति जताई गई।
दोनों पक्षों ने इस बात पर जोर दिया कि भविष्य की बैठकों में लंबित मुद्दों को जल्द सुलझाने के लिए तेज़ी से कदम उठाए जाएंगे, जिससे समझौते को अंतिम रूप दिया जा सके।
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