भारत ने 2024-25 वित्त वर्ष में रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर हासिल किया है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, देश का कुल रक्षा उत्पादन ₹1.5 लाख करोड़ से अधिक हो गया है, जो अब तक का सबसे ऊँचा स्तर है। यह उपलब्धि पिछले वित्त वर्ष 2023-24 के ₹1.27 लाख करोड़ की तुलना में लगभग 18% की वृद्धि दर्शाती है।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि यह प्रगति ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत घरेलू रक्षा विनिर्माण को बढ़ावा देने के प्रयासों का परिणाम है। सरकार ने निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को रक्षा क्षेत्र में निवेश और नवाचार के लिए प्रोत्साहित किया है, साथ ही निर्यात के अवसर भी बढ़ाए हैं।
इस रिकॉर्ड उत्पादन में विभिन्न रक्षा उपकरण, हथियार, गोला-बारूद, युद्धपोत, विमान और अन्य रणनीतिक प्रणालियों का निर्माण शामिल है। विशेष रूप से स्वदेशी तकनीक और डिजाइन पर जोर देने से न केवल उत्पादन क्षमता बढ़ी है, बल्कि विदेशी निर्भरता भी घटाई गई है।
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रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह उपलब्धि भारत की सैन्य क्षमताओं को मजबूत करेगी और वैश्विक रक्षा बाजार में उसकी प्रतिस्पर्धा को बढ़ाएगी। साथ ही, यह रक्षा निर्यात को भी नई ऊँचाइयों तक ले जा सकती है।
सरकार ने संकेत दिया है कि आने वाले वर्षों में इस वृद्धि की रफ्तार और तेज होगी, क्योंकि कई बड़े रक्षा प्रोजेक्ट्स पर काम जारी है। यह सफलता न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण है, बल्कि रोजगार सृजन और आर्थिक विकास के लिए भी अहम मानी जा रही है।
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