नागालैंड में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ गुरुवार (11 दिसंबर 2025) को व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए। कोहिमा में नागा स्टूडेंट्स फेडरेशन (NSF) ने ‘नॉर्थ ईस्ट ब्लैक डे’ मनाया, जिसके तहत छात्रों और विभिन्न संगठनों ने एकजुट होकर कानून का विरोध किया। यह दिन 2019 में संसद द्वारा CAA पारित किए जाने की याद में मनाया गया।
नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (NESO) के सदस्य संगठनों ने पूरे पूर्वोत्तर राज्यों में प्रदर्शन किए। NSF के महासचिव केनिलो केंट ने कहा कि ‘ब्लैक डे’ का उद्देश्य सामूहिक प्रतिरोध को दर्शाना है। उन्होंने कहा, “आज हम पूरे पूर्वोत्तर के लोगों के साथ एकजुट होकर इस कानून के खिलाफ खड़े हैं।”
केंट ने आरोप लगाया कि CAA भेदभावपूर्ण है और पूर्वोत्तर के स्वदेशी लोगों की पहचान, संस्कृति और इतिहास के लिए खतरा है। उन्होंने कहा कि यह कानून स्वदेशी अधिकारों के लिए अस्तित्वगत चुनौती है।
NESO के महासचिव मुत्सिखोयो यहोबू ने कहा कि छात्रों के संगठनों ने कानून का प्रारंभ से ही विरोध किया है। उन्होंने कहा कि पूरे पूर्वोत्तर ने आज CAA थोपे जाने के खिलाफ काला दिवस मनाया।
उन्होंने दोहराया कि NESO लगातार मांग करता रहा है कि इस कानून को पूर्वोत्तर में लागू न किया जाए। हालांकि ILP वाले राज्यों को छूट दी गई है, लेकिन पूरा क्षेत्र अब भी असुरक्षित है।
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अरुणाचल प्रदेश स्टूडेंट्स यूनियन (AAPSU) के उपाध्यक्ष (प्रोटोकॉल) नबाम गांधी ने कहा कि CAA सामाजिक और आर्थिक रूप से क्षेत्र को नुकसान पहुंचा सकता है। उन्होंने कहा कि किसी भी अधिनियम को लागू करने से पहले उसके सामाजिक-आर्थिक प्रभावों का अध्ययन आवश्यक है, जो CAA में नहीं किया गया।
उन्होंने ILP छूट को “चॉकलेट” बताकर कहा कि इसे कभी भी हटाया जा सकता है, जिससे बड़े पैमाने पर बसावट की आशंका बढ़ जाती है और जनजातीय संस्कृति, परंपराएं और संसाधन प्रभावित होते हैं।
NESO नेताओं ने CAA दस्तावेजों का प्रतीकात्मक दहन भी किया और केंद्र सरकार को संदेश दिया कि पूर्वोत्तर इस कानून को स्वीकार नहीं करता।
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