लोकसभा में सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर पर बहस की शुरुआत करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह सैन्य अभियान गैर-उत्तेजक (non-escalatory) था और इसका उद्देश्य सिर्फ आतंकवाद को जड़ से खत्म करना था। उन्होंने संसद को बताया कि इस ऑपरेशन में सात आतंकी शिविरों को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया है।
रक्षा मंत्री ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर का मकसद किसी भी प्रकार से सीमा पर तनाव बढ़ाना नहीं था। यह केवल आतंकवाद के ठिकानों को निशाना बनाने और देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किया गया।”
राजनाथ सिंह ने आगे बताया कि यह मिशन भारतीय सेना, वायुसेना और अन्य सुरक्षा बलों के संयुक्त प्रयास से संचालित किया गया। अभियान के दौरान उच्च तकनीक और सटीक हथियारों का इस्तेमाल किया गया ताकि केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया जाए और नागरिकों को नुकसान न पहुंचे।
और पढ़ें: ऑपरेशन सिंदूर पर बहस से विपक्ष भाग रहा है: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू
उन्होंने बताया कि खुफिया इनपुट के आधार पर योजना बनाई गई थी और कार्रवाई के दौरान सेना ने अत्यंत सावधानी बरती। मंत्री ने इस ऑपरेशन को “भारत की सुरक्षा नीति की मजबूती और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस दृष्टिकोण” का प्रतीक बताया।
विपक्षी दलों ने बहस के दौरान सरकार से ऑपरेशन की विस्तृत रिपोर्ट मांगते हुए पारदर्शिता की आवश्यकता पर जोर दिया। कुछ नेताओं ने यह भी सवाल उठाया कि इस अभियान के बाद सीमा पार की स्थिति क्या है और भविष्य में तनाव को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
रक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरतेगी और ऐसे अभियान आगे भी आतंकवाद के खात्मे के लिए जारी रहेंगे।
और पढ़ें: संसद मानसून सत्र Day 6: पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर पर 16 घंटे की तीखी बहस